Sunday, April 28, 2024
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एलन मस्क के spaceX रॉकेट ने किया पृथ्वी के आयनोस्फेयर में छेद

एलोन मस्क के spaceX रॉकेट ने किया पृथ्वी के आयनोस्फेयर में छेद, जानिए क्या होगा इसका असर देश – दुनिया…

By शाम्भवी मिश्रा , in टेक्नोलॉजी  दुनिया  , at August 2, 2023 Tags: , ,


एलोन मस्क के spaceX रॉकेट ने किया पृथ्वी के आयनोस्फेयर में छेद, जानिए क्या होगा इसका असर

देश – दुनिया की बड़ी खबरों के बीच अब यह खबर सामने आ रही है कि, एलन मस्क spaceX द्वारा हाल में ही एक रॉकेट लॉन्च किया गया है और इस रॉकेट ने पृथ्वी के चारों ओर मौजूद आयनोस्फेयर में एक सुराख कर दिया है, हालांकि बताया यह भी जा रहा है की पृथ्वी के आयनोस्फेयर में हुआ यह छेद अस्थाई है और यह कुछ ही समय में पूर्ववत हो जायेगा।

19 जुलाई को लॉन्च हुआ रॉकेट

एलन मस्क की कंपनी spaceX ने बीते 19 जुलाई को फाल्कन 9 रॉकेट को कैलिफोर्निया में स्थित वैंडेनबर्ग स्पेस फोर्स बेस से लॉन्च किया था। सूत्रों की मानें तो स्पेस एक्स द्वारा लॉन्च किए गए फाल्कन 9 रॉकेट एक ऐसा रॉकेट है जिसे दुबारा फिर इस्तमाल किया जा सकता हैं।

फाल्कन 9 को बताया गया ऑर्बिटल क्लास रॉकेट

एलन मस्क की कंपनी ने लॉन्च किए गए रॉकेट फाल्कन 9 के बारे में बात करते हुए यह बताया की यह ह्यूमन और पेलोड दोनों को ही पृथ्वी के ऑर्बिट या उससे आगे तक ले जाने की क्षमता रखने वाला एक सुरक्षित अंतरिक्ष यान है। एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने फाल्कन 9 के बारे में बात करते हुए यह भी बताया कि यह विश्व का पहला ऐसा ऑर्बिटल क्लास रॉकेट है जिसे एक बार इस्तेमाल होने के बाद दोबारा भी इस्तेमाल किया जा सकता है। बता दें कि फाल्कन 9 अभी तक 240 लॉन्चिंग के साथ ही 198 लैंडिंग सफलतापूर्वक कर चुका है।

आयनोस्फेयर में छेद होने का संकेत

बता दें कि स्पेसएक्स ने बीते 19 जुलाई को फाल्कन 9 लांच किया था इसके बाद आसमान में एक लाल चमक दिखाई देने लगी थी। इन लॉन्च की तस्वीरों का अध्ययन बोस्टन यूनिवर्सिटी की स्पेस फिजिसिस्ट बॉमगार्डन द्वारा किया गया और तस्वीरों का अध्ययन करने के आधार पर जेफ बॉमगार्डन ने यह बात स्पष्ट की है कि आसमान में नजर आने वाला यह चमकीला लाल रंग का दृश्य यह संकेत करता है कि पृथ्वी के आयनोस्फेयर में रॉकेट लॉन्च के कारण छेद हो गया है।

200 से 300 किलोमीटर ऊपर घटित हुई घटना

बता दें कि जेफ बॉमगार्डन ने बातचीत के दौरान यह भी स्पष्ट किया है कि उन्होंने इन तस्वीरों का अध्ययन काफी अच्छी तरीके से किया है और उन्होंने यह भी बताया कि जब रॉकेट का इंजन पृथ्वी की सतह से 200 से 300 किलोमीटर ऊपर जलता है ऐसे ही कुछ दृश्य सामने आता है। उन्होंने बताया कि उन्होंने 19 जुलाई को लोकेट लॉन्चिंग के समय की तस्वीरें और फुटेज की काफी बारीकी से समीक्षा अध्ययन किया है और इन तस्वीरों में यह संकेत मिलता है कि दिन के समय “F” क्षेत्र के नजदीक लगभग 286 किलोमीटर पर रॉकेट अपने इंजन को जल रहा है।

क्या होता है आयनोस्फेयर

spaceX पृथ्वी की सतह के आस पास कई आवरण हैं,जिन्हे क्षोभमंडल,स्थलमंडल एवं आयनमंडल आदि के नाम से जाना जाता है। इसी क्रम में आयनोस्फेयर पृथ्वी से अंतरिक्ष की ओर छोर पर मौजूद है। आयनोस्फेयर आवेशित कणों से भरपूर है और इन्हीं कणों को आयन कहा जाता है। आयन मजूद होने के कारण ही आयनोस्फेयर को आयनमंडल भी कहा जाता है।

नासा द्वारा दिए गए जानकारी के अनुसार इन्हीं आयन पार्टिकल्स के कारण ही सौर विस्फोट से उत्पन्न भू – चुंबकीय तूफान के समय सौर प्लाज्मा और आयनों में प्रतिक्रिया होती है और परिमाण के तौर पर अरुणोदय यानी की aurora उत्पन्न होता है जिससे आसमान में बहुत ही रंगीन और अनोखे दृश्य का निर्मित होते हैं।

क्यों हुआ आयनोस्फेयर में छेद

आपको बता दें की जब भी किसी रॉकेट को लॉन्च किया जाता है तो वह पृथ्वी के समानांतर यात्रा करता है। spaceX लेकिन फाल्कन 9 वजन में काम होने के कारण पृथ्वी के समानांतर न जा कर शीर्ष पथ पर ही लॉन्च हो गया। इस कारण तेज झटका उत्पन्न हुआ और इस तेज झटका के वजह से ही आयनोस्फेयर में छेद हो गया। खबरों के मुताबिक साल 2022 में जून महीने में लॉन्च हुए फाल्कन 9 रॉकेट भी इसी तरह लॉन्च हुआ था जिस के कारण उस वक्त भी आयनोस्फेयर में छेद हो गया था।

 

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