UGC अंतिम वर्ष की परीक्षा में आया सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला
UGC फ़ाइनल ईयर की परीक्षाओं में आ गया है सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला सुरक्षित आज यानी 18 अगस्त को सुप्रीम…
UGC फ़ाइनल ईयर की परीक्षाओं में आ गया है सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला सुरक्षित
आज यानी 18 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट से अंतिम वर्ष की परीक्षाओं के मामले में न्यायाधीश न्यायमूर्ति अशोक भूषण,न्यायमूर्तिआर भूषणसुभाष रेड्डी और न्यायमूर्तिएमआर शाह की खंडपीठ नेफ़ैसला किया।वह फ़ैसला सुरक्षित किया गया है।कोर्ट ने आदेश की याचिका को तीन दिन के भीतर लिखित में कोर्ट में दर्ज की जाए। देश भर में विश्वविद्यालयों की ओर से अंतिम वर्ष की परीक्षाओं मसले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दर्ज की गई थी। यह याचिका कोरोना के चलते परीक्षाएं हो या न हो इस संबंध में दर्ज की गई।
UGC का पक्ष
सॉलिसिटर जनरल तुषार ने UGC ओर से अपना पक्ष रखा।जिसके अंतर्गत उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय सितम्बर की 30 परीक्षाएं रोक सकते हैं। परंतु ये विश्वविद्यालय बिना परीक्षा के लिए डिग्री प्रदान नहीं कर सकते। कुछ विश्वविद्यालयों ने तो पहले ही परीक्षाएं भी आयोजित करवा दी।
छात्रों का पक्ष में
जहाँ लेकिन UGC का पक्ष में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने रखा हैं। वहीं छात्रों का पक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. अभिषेक मनु संघवी रख रहे हैं। डॉक्टर साघंवी का कहना है कि, जब कॉलेज वाले कक्षाए ही आयोजित नहीं कर पा रही पा रही तो परीक्षाओं का आयोजन किस प्रकार करेंगी।सब उन्होंने पिछली सुनवाई में कहा था। उनका कहना है कि यह कोरोना काल के चलते हैं ना हम परीक्षाओं कुछ समय के लिए स्थगित करने की बात कह रहे हैं।
ओर पक्षो की दलीले सामने आयी
वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान इस मामले सम्बंधित युवा सेना के एक अन्य मामले में छात्रों का पक्ष रख रहे हैं।’इनका कहना है कि जब UGC स्वयं इस बात को मानता है कि स्थानीय ज़रूरतों के हिसाब से रूल्स और रेगुलेशन बदले भी जा सकते हैं।’
अधिवक्ता अलख आलोक 31 छात्रों को लेकर इस मामले में अपना पक्ष रख रहे हैं। उनका कहना है कि UGC ने जुलाई में डायरेक्शन जारी की थी जिसमें उसने अधिनियम शिक्षण 12 का उल्लंघन किया जिसके अंतर्गत यह खाया गया है कि इस तरह के निर्देशों को बनाने में विश्वविद्यालयों एवं अन्य निकायों की सलाह ली जानी चाहिए यही तो उसने सलाह क्यों नहीं ली, UGC ने कुहाड समिति की सिफ़ारिशों पर यह दिशा निर्देश जारी किए।जिसमें कोरोना जैसे महामारी से संबंधित कोई विशेषज्ञ नहीं थे। सिर्फ़ शिक्षावादी लोग थे। इसलिए सीमित COVID-19 महामारी के दौरान UGC अधिनियम के sec 12 का पूरी तरह से उल्लंघन करती हैं।
UGC द्वारा गाइड लाइन जारी की गई थी
सूत्रों के अनुसार UGC ने जुलाई में गाइड लाइन जारी की थी जिसके अनुसार 30 सितम्बर तक सैमिस्टर फ़ाइनल ईयर एग्ज़ाम पुणे संभव है इस वर्तमान में किया जी को ऋण के लिए महामारी के चलते इन परीक्षाओं अॉफलाइन आयोजित नहीं किया जा सकता है। जिसके कारण छात्रों द्वारा दायर याचिका में गुहार लगाई गई है। उनका कहना हैं कि अंतिम वर्ष की परीक्षा को रद्द किया जाना चाहिए और छात्रों के रिज़ल्ट उनके इंटरनल सेमिस्टर यानी की जो पहले समय से आधा तैयार हो चुका हैं तथा उनके परफॉर्मेंस आधार पर उन्हें जल्द से जल्द रिज़ल्ट प्रदान किया जाए।
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