Manipur horror महिलाओं के साथ दरिंदगी,निर्वस्त्र कर परेड करवाने का वीडियो हुआ वायरल
Manipur horror महिलाओं के साथ दरिंदगी,निर्वस्त्र कर परेड करवाने का वीडियो हुआ वायरल मणिपुर पिछले कई दिनों से हिंसा…
Manipur horror महिलाओं के साथ दरिंदगी,निर्वस्त्र कर परेड करवाने का वीडियो हुआ वायरल
मणिपुर पिछले कई दिनों से हिंसा की आग में जल रहा है, हिंसा की इन लपटों से केवल मणिपुर ही नहीं बल्कि पूरा देश प्रभावित हो रहा है।मणिपुर के दो समुदायों , “मैतेई” और “कुकी” के बीच लगातार हिंसात्मक झड़प हो रही है। बता दें की इसी बीच इंटरनेट पर तेजी से एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें कुकी समुदाय की दो महिलाओं के साथ अमानवीय व्यवहार किया गया है। यह वीडियो पिछले कुछ दिनों पहले ही सामने आया है ,जबकि यह घटना बीते 4 मई की है।
बता दें की कुकी समुदाय की दो महिलाओं को मैतेई समुदाय के पुरुषों ने निर्वस्त्र होने पर मजबूर किया और फिर उन्हें इसी अवस्था में परेड करवाई। इस घटना के बाद पूरा देश महिलाओं के साथ हुए इस अमानवीय व्यवहार के कारण गुस्से में भरा हुआ है। पूरे देश के लोग अलग – अलग तरह से मणिपुर में हुए इस जघन्य कृत्य का विरोध कर रहे हैं,सोशल मीडिया पर भी इस घटना को लेकर लोगों की बहुत तरह की प्रक्रियाएं देखने को मिल रही हैं।
कौन हैं मणिपुर ( Manipur horror ) के निवासी :-
मणिपुर भारत के पर्व उत्तर में बसा हुआ राज्य है, यह अपनी सीमा म्यांमार से साझा करता है। ऐसा अनुमान है की मणिपुर में लगभग 33 लाख लोग रहते हैं और इनमें से आधे से ज्यादा आबादी मैतेई समुदाय के लोगों की है। मणिपुर की कुल जनसंख्या में 43% आबादी कुकी और नागा समुदाय की है यह मणिपुर की प्रमुख अल्पसंख्यक जनजाति है। मैतेई समुदाय का निवास घाटी वाले स्थान पर है यही कारण है की इसे घाटी बहुल समुदाय कहा जाता है और कुकी समुदाय का निवास पहाड़ी क्षेत्रों में है इसलिए इसे पहाड़ी बाहुल समुदाय के तौर पर जाना जाता है।
यह है विवाद का कारण :-
बता दें कि मणिपुर Manipur horror में हो रही हिंसा की शुरुआत 3 मई से हुई थी। तीन मई से ही मैतेई और कुकी समुदाय के लोगों के बीच हिंसात्मक झड़प की शुरुआत हो गई थी । बता दें कि मणिपुर में रहने वाला मैतेई समुदाय कुकी समुदाय की तरह ही शेड्यूल्ड ट्राइब का दर्जा दिए जाने की मांग कर रहा है। मणिपुर में हिंसा और तनाव तेजी से उस वक्त बढ़ गया जब मैतेई समुदाय द्वारा आधिकारिक रूप से जनजातीय दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में कुकी समुदाय के लोग उतर आए ।
बता दें कि मैतेई समुदाय की इस मांग को लेकर के कुकी समुदाय के लोगों ने यह तर्क दिया कि यदि मैतेई समाज को शेड्यूल्ड ट्राइब का दर्जा दिया जाए तो इससे सरकार एवं उनके समाज पर काफी प्रभाव पड़ेगा यह दर्जा पाते ही कुकी क्षेत्रों में भी मैतेई लोगों को बसने की छूट प्राप्त हो जाएगी और मैतेई समुदाय के लोग कुकी समुदाय को उखाड़ फेंकने में सफल हो जाएंगे।
मणिपुर ( Manipur horror ) में होता रहा है विवाद :-
आपको बता दें कि मणिपुर में मैतेई ,कुकी और नागा समुदाय में काफी समय से परस्पर विरोध होता रहा है। यह विरोध मातृभूमि की मांग, धार्मिक मतभेद को लेकर के होता रहा है और यही कारण है कि यह सभी समुदाय आपस में एक दूसरे से लड़ते रहे और एकजुट होकर के कई बार भारत के सुरक्षा बलों के साथ भी इनकी झड़प होती रही है। लेकिन इस बार यह लड़ाई केवल कुकी समुदाय और मैतेई समुदाय के लोगों के बीच के रूप में सामने आ रही है।
कौन हैं मैतेई और कुकी समुदाय:-
मैतेई समुदाय के लोग मणिपुर ,म्यांमार सहित नजदीकी इलाकों में बसें हुए हैं अधिकतर मैतेई लोग इंफाल के घाटी वाले इलाके में निवास करते हैं। इस समुदाय में ज्यादातर हिंदू धर्म के लोग हैं । कुकी समुदाय में अधिकतर लोग ईसाई धर्म को मानने वाले हैं और यह समुदाय मणिपुर के पहाड़ी क्षेत्रों में बसे हुए हैं।
मणिपुर ( Manipur horror ) में क्यों हुई महिलाओं के साथ हिंसा :-
तीन मई को मणिपुर में आदिवासी एकता मार्च की रैली निकाली गई थी और इस रैली के दौरान ही आदिवासी और गैर आदिवासियों के बीच हिंसात्मक झड़प हो गई थी। भीड़ पर काबू पाने के लिए पुलिस ने इस दौरान आंसू गैस की गोलियों का भी इस्तेमाल किया था। लेकिन तीन मई की शाम तक मणिपुर में हालत इतने अधिक खराब हो चुके थे की वहां की राज्य सरकार को केंद्र सरकार से मदद की गुहार करनी पड़ी थी, और इसके बाद यहां आर्मी और पैरामिलिट्री फोर्स को तैनात किया गया था।
पुलिस का कहना है की जिन दो महिलाओं के साथ दरिंदगी हुई है वह एक छोटे से समूह का हिस्सा थीं। यह महिलाएं हमलों से बचने के लिए जंगली क्षेत्र में भाग गई थीं। भीड़ का एक हिस्सा इस झूठी अफवाह पर भड़क गया की उनके समुदाय की महिला के साथ दुष्कर्म हुआ है, और इसी अक्रोशित भीड़ ने कुकी समुदाय के एक गांव में छापा मारा और एक छोटे समूह का पीछा किया जो हमले में अपनी जान बचा कर भाग रहे थे। बताया जा रहा है की इस समूह में दो पुरुष और तीन महिलाएं शामिल थीं।
इस समूह में 56 वर्ष के एक पुरुष और उनकी 19 एवं 21 वर्षीय बेटा और बेटि एक ही परिवार से थे। इस परिवार के साथ दो महिलाएं भी समूह में शामिल थीं जिनकी उम्र क्रमशः 56 और 52 वर्ष थी। सूत्रों के अनुसार जंगल में भागते हुए यह समूह नोंगपोक सेकमाई पुलिस स्टेशन की टीम से टकराया। लेकिन पुलिस कर्मियों सहित इस समूह के लोगों पर 800 से 1000 लोगों के अक्रोशित भीड़ ने हमला कर दिया। यह हमला पुलिस स्टेशन से लगभग दो किलोमीटर की दूरी पर किया गया और इस दौरान इस समूह के लोगों को पुलिस से अलग करके भीड़ द्वारा ले जाया गया।
भीड़ द्वारा किए गए हमले में 19 वर्ष के लड़के की मौके पर मौत हो गई जो की अपनी 21 वर्षीय बहन को भीड़ से बचाने का प्रयास कर रहा था। इसके बाद महिलाओं को निर्वस्त्र करके उन्हें सड़क पर घुमाया गया । इन महिलाओं के परिजनों द्वारा पुलिस में दर्ज कराई गई शिकायत से यह भी पता चला है की इनमे से एक महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म भी किया गया है। पुलिस ने शिकायत को आधार मानते हुए जीरो एफआईआर दर्ज कर ली है।
क्या कर रही है केंद्र सरकार:-
बता दें की महिलाओं के साथ हुए यौन उत्पीडन का यह वीडियो पिछले एक सप्ताह से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, इस वीडियो के सामने आने से पहले तक देश के प्रधानमंत्री मोदी जी ने मणिपुर हिंसा के संबंध में कुछ भी नहीं कहा था,लेकिन महिलाओं के साथ हुए इस दरिंदगी के सामने आने के बाद मानसून सत्र के पहले ही दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा की इस घटना ने देश को शर्मसार कर दिया है। इस अपराध में शामिल किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह भी कहा की मणिपुर की बेटियों के साथ जिस तरह का अमानवीय बर्ताव किया गया है वह माफ करने के योग्य नहीं है।
बता दें की सरकार ने मणिपुर में हो रही हिंसा पर काबू पाने के लिए राज्य में चालीस हजार सैनिकों सहित अर्धसैनिक बल और पुलिस बल को तैनात किया है। हालांकि इसके बावजूद अधिक संख्या में ग्रामीणों को अपना घर छोड़ना पड़ रहा है।
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