10 छात्रों के स्कूल छोड़ने पर शिक्षक ने जहर खाकर दे दी अपनी जान
10 छात्रों के स्कूल छोड़ने पर शिक्षक ने जहर खाकर दे दी अपनी जान, सुसाइड नोट पढ़ कर सब रह…
10 छात्रों के स्कूल छोड़ने पर शिक्षक ने जहर खाकर दे दी अपनी जान, सुसाइड नोट पढ़ कर सब रह गए दंग
एक शिक्षक अपने छात्रों से किस हद तक जुड़ाव रखता है ये अक्सर लोग समझ नहीं पाते, लेकिन आज ये खबर पढ़ कर आप यह बात बहुत अच्छे तरह से जान जाएंगे। दोस्तों आज हम पुणे में हुए दुखद घटना का जिक्र कर रहे है। जहां एक शिक्षक ने अपने छात्रों के स्कूल छोड़ कर जाने से आहत होकर जहर खा लिया और अपनी जान दे दी।
बच्चों को चाहते थे पढ़ाना
दरअसल यह घटना पुणे के जावजीबुवा इलाके कि है, जहां एक शिक्षक ने अपनी जान दे दी है। बता दें कि इस शिक्षक के स्कूल में बच्चों ने जाना बंद कर दिया था। वह अपने स्कूल में बच्चों को पढ़ाने की इच्छा रखते थे लेकिन उनका यह सपना पूरा नहीं हो सका। शिक्षक ने स्कूल में ही अपने जीवन को ख़तम करने का प्रयास करते हुए जहर खा लिया था।
दो महीने पहले हुआ रहा तबादला
बता दें कि दो महीने पहले ही अरविंद देवकर का ट्रंसफर हुए था, इलाके के प्राइमरी स्कूल में साफ सफाई कि कमी थी, अरविंद बच्चों को गंदगी में पढ़ाना नहीं चाहते थे उनका ऐसा मानना था कि बच्चों को साफ सुथरी जगह में शिक्षा ग्रहण करनी चाहिए।
स्कूल में थे कुल 10 बच्चे
बता दें कि इलाके के प्राइमरी स्कूल में केवल दस बच्चे ही थे। इन बच्चों की सहायता से अरविंद ने खुद ही स्कूल कि सफाई का काम शुरू कर दिया था। बच्चों ने भी उस समय अरविंद के साथ मिल कर सफाई कर दी लेकिन बाद में अपने घरों में इस बात को बता दिया।
बच्चों के माता पिता ने छुड़वाया स्कूल
बता दें कि बच्चों के माता पिता को पहले ही इस बात से शिकायत थीं कि स्कूल में केवल एक ही टीचर है। इसके बाद जब अभिवावकों को यह जानकारी मिली कि बच्चों से सफाई का काम करवाया गया है तो 9 बच्चों के माता पिता ने बच्चों को स्कूल भेजना बंद कर दिया था, और बच्चों का एडमिशन किसी दूसरे स्कूल में करवा दिया था।
पछतावे में खाया जहर
बता दें कि इसके बाद पूरे स्कूल में केवल एक छात्रा रह गई थी लेकिन दूसरे दिन उसने भी स्कूल आना छोड़ दिया। अरविंद को जब इन सभी बातों कि जानकारी मिली तो उन्हे बहुत दुख और पछतावा हुआ। और इसी दुख में उन्होंने ने स्कूल में ही जहर खा लिया।
सुसाइड नोट में लिखी हैरान करने वाली बात
बता दें कि जब जहर खाने के बाद अरविंद को समस्या होने लगी तो उन्हे आस पास के लोग तुरंत अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन बीते मंगलवार को अरविंद कि मौत हो गई।
अरविंद ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि वह अपने स्टूडेंट्स और उनके माता पिता का दिल नहीं जीत पाए, और उसी कारण स्कूल के दस छात्रों में से 9 ने स्कूल छोड़ दिया।उन्होंने आगे लिखा कि ” मै इसके लिए अपने आप को दोषी मानता हूं , धैर्य खो चुके होने के कारण इस पवित्र मंदिर जैसे स्थान पर अपने शरीर को त्याग रहा हूं”
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